मेरा एक स्टूडेंट हैं जिसने एक दो महीने पहले हिन्दी सीखनी शुरू की है. वह प्राइमरी स्कूल में छठी कक्षा का छात्र है; उम्र करीब 12-13 साल. दो महीने पहले उसकी मां का फोन आया था मेरे पास कि बच्चे की भारत और हिन्दी में बड़ी गहरी रूचि है और अब तक वह खुद से पढ़ाई करके हिन्दी अल्फाबेट सीख चुका है और हिन्दी पढ़ लिख लेता है. उसके माता-पिता चाहते थे कि वो सही तरीके से किसी इंस्ट्रक्टर के साथ हिन्दी की स्टडी करे.
हाई मोटिवेशन वाले स्टूडेंट्स को पढ़ाने में मुझे मजा आता है और ऐसी स्थितियों में पैसे, समय वगैरह को ज्यादा महत्व नहीं देता. मैंने बच्चे को पढ़ाना स्वीकार कर लिया. अभी तकरीबन दो महीने हो गए इस स्टूडेंट को पढ़ाते हुए और उसकी प्रोग्रेस काफी अच्छी है. उसकी किताबों की आलमारी में भारत की संस्कृति और इतिहास वगैरह की किताबें देखकर मुझे बड़ा आश्चर्य हुआ. अपने इतिहास और संस्कृति में इतनी रुची तो आजकल खुद भारतीयों की भी नहीं है.
हिन्दी फिल्मों में भी इस छात्र की गहरी रूचि है. वह हर हफ्ते मुझसे हिन्दी फ़िल्में मंगवाता है और उन्हें देखता है. उसने बताया कि भारत में उसकी रूचि हिन्दी फिल्मों से ही शुरू हुई. पहले वह अपने माता-पिता के साथ आस्ट्रेलिया में रहता था. उस समय स्कूल में उसका एक दोस्त भूटान से था और वह अक्सर उसके घर जाता था. वहां अक्सर टीवी पर हिन्दी गाने या फ़िल्में चल रही होती थीं. वहीं से हिन्दी और भारत में उसकी रूचि शुरू हुई.
कुछ दिन पहले उसने मुझे महाभारत की मोटी सी किताब दिखाई जो उसने अमेजन अमेरिका से मंगाई थी क्योंकि कोरिया में महाभारत पर किताब नहीं मिल पायी. उसके बाद से अब वह अक्सर महाभारत के पात्रों और घटनाओं के बारे में मुझसे सवाल करता है. ज्यादातर का तो मैं जवाब दे पाता हूँ पर कभी-कभी मुझे भी पता नहीं होता.
कल जब उसे पढ़ाने गया तो उसने कम्प्यूटर पर हिन्दी में एक छोटी सी कहानी लिख कर रखी थी मुझे दिखाने के लिए. हालांकि कहानी में ग्रामर की गलतियां काफी थी पर उसके स्तर के हिसाब से काफी अच्छी थी. पर जिस बात ने मुझे सबसे अधिक प्रभावित किया वो यह थी कि कहानी लिखने के लिए उसने हिन्दी इनस्क्रिप्ट कीबोर्ड का लेआउट याद किया और टाइपिंग करनी सीखी. मुझे खुद हिन्दी इनस्क्रिप्ट कीबोर्ड पर टाइपिंग नहीं आती; गूगल इनपुट टूल का इस्तेमाल करता हूँ. खुद पर शर्म आयी और निश्चय किया कि पक्का हिन्दी टाइपिंग सीखूंगा अब. दुनिया के अधिकाँश देशों के लोग अपनी भाषाओं में कीबोर्ड का इस्तेमाल करना जानते हैं. पता नहीं भारत में क्यों हम या तो रोमन में हिन्दी लिखते हैं या फिर ट्रांसलिटरेशन टूल इस्तेमाल करते हैं.
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