तकनीकी कामों में मेरा शुरू से ही मन लगता है. बचपन में रेडियो पर प्रयोग करता रहता था. फिर जब शुरू-शुरू में डेस्कटॉप कम्प्यूटर लिया था तो सीपीयू का ढक्कन हमेशा खुला ही रहता था. फिर प्रयोग कर-कर के सौफ्टवेयर की छोटी-मोटी गड़बड़ियाँ भी ठीक करना भी सीखा. इस चक्कर में कई बार नुकसान भी हुआ, चक्कर में भी पड़ा पर सीखने को बहुत कुछ मिला. ब्लौगिंग में घुसने के बाद शुरू में तो फ्री ब्लॉगर और वर्डप्रेस प्लेटफार्म पर ब्लुग बनाया पर धीरे-धीरे जिज्ञासा बड़ी तो अपना डोमेन भी खरीदा, होस्टिंग भी ली, कई वेबसाईट भी बनाई. इधर काफी दिनों से मोबाइल एप्लीकेशंस की तरफ दिमाग जा रहा था. मन हो रहा था कि अपनी टॉपिक गाइड वेबसाईट के लिए एक सिम्पल सा ऐप बनाऊं जिससे कि मोबाइल पर भी लोग आराम से साईट का सारा कंटेंट देख पाएं. वैसे देख तो मोबाइल ब्राउजर पर भी सकते हैं पर ऐप के द्वारा कई अलग तरह के ऑप्शंस भी खुल जाते हैं जिससे आप रीडर्स को बेहतर तरीके से सेवाएं दे सकते हैं.
लेकिन कोडिंग और प्रोग्रामिंग का काम मुझे शुरू से ही बोरिंग लगता है. हालांकि सीखना चाहता हूँ, कई बार शुरू भी किया लेकिन हमेशा बीच में मन ऊब जाता है. एंड्राइड एक ओपन सोर्स प्लेटफ़ॉर्म है और गूगल ने डेवलपर्स के लिए मुफ्त का बेहतरीन सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट किट जारी किया हुआ है. ऐप बनाने के लिए सारी गाइडलाइन भी विस्तार से दे रखी है. लेकिन बेसिक कोडिंग तो आनी ही चाहिए. एंड्राइड के एप्लीकेशंस जावा लैंगुएज में बनते हैं. हालांकि जावा पुराणी प्रोग्रामिंग लैंगुएजेज की तुलना में काफी आसान है लेकिन फिर भी मैं नहीं सीख पाया.
लेकिन आजकल जिन्हें कोडिंग नहींआती उनके लिए भी काफी सारे थर्ड पार्टी टूल्स उपलब्ध हैं. हालांकि इनके लिए आपको या तो पैसे देकर मेम्बरशिप लेनी पड़ेगी या फिर जो मुफ्त वाले हैं उनमें ऐप बनाने के लिए थोडा दिमाग लगाना होगा और मुफ्त टूल्स से ऐप भी अच्छा नहीं बनता. लेकिन मैं इस स्टेज पर ज्यादा पैसे इन्वेस्ट करने के लिए तैयार नहीं था. इसलिए फ्री वाले टूल्स की मदद से ही ये छोटा सा ऐप बनाया.
ऐप बनाने के बाद अब उसे गूगल के प्ले स्टोर पर अपलोड और पब्लिश करना जरूरी था जिससे कि लोग उसे वहां से डाउनलोड और इंस्टाल कर पायें. गूगल प्ले स्टोर में एक डेवलपर के रूप में ज्वायन करने के लिए 25 डॉलर देने पड़ते हैं. हालांकि मुझे यह भी भारी लग रहा था क्योंकि मैं सिर्फ एक्सपेरिमेंट कर रहा था. मुझे पता था कि ये ऐप बिलकुल साधारण है और कोइ पसंद भी करेगा या नहीं इसकी गारंटी नहीं है. लेकिन फिर लगा कि पच्चीस डॉलर देने के बाद गूगल डेवलपर कोन्सोल की परमानेंट मेम्बरशिप मिल जायेगी. अन्दर कैसे और क्या कम होता है कुछ पता तो चलेगा. और क्या पाटा आगे कुछ साल बाद मैं कोइ अच्छा ऐप बनाकर पब्लिश करना चाहूँ. उस समय ज्वायन करने की फीस और ज्यादा ही होगी.
तो इस तरह सोचने विचारने के बाद पच्चीस डॉलर ढीले किये और गूगल पर एंड्राइड डेवलपर अकाउंट बना लिया. ऐप अपलोड करके बेसिक जानकारी वगैरह भरी और पब्लिश कर दिया. गूगल में यह अच्छी बात है कि यह ऐपल ज्यादा जांच-परख और दादागिरी नहीं करता और कोइ भी ऐप पब्लिश कर देता है बशर्ते कि वह मिनिमम रिक्वायरमेंट को पूरा करता हो. करीब दो-तीन घंटे बाद मेरा ऐप प्ले स्टोर पर लाइव हो गया था.
पब्लिश करने को तो कर दिया लेकिन उसके बाद कुछ यूजर्स की शिकायत आने लगी कि पेज का कलर ख़राब है, पढ़ा नहीं जा रहा, ये लिंक क्लिक नहीं हो रहा वगैरह वगैरह. तो मैंने कलर वगैरह ठीक-ठाक करके सोचा कि अब नया वर्जन अपलोड कर देता हूँ. लेकिन तब पता चला कि मामला इतना आसान नहीं है जितना लग रहा था. जब मैंने गूगल पर ऐप का नया वर्जन अपलोड किया तो एरर आया कि इस फ़ाइल के अन्दर वर्जन नंबर और कोड वगैरह पहले वाला ही है वो आपको बदलना पड़ेगा. मतलब ऐप का पहला वर्जन ‘टॉपिक गाइड 2.0’ था तो नया वर्जन 2.1 या ज्यादा होना चाहिए. अब इसके लिए ऐप की फ़ाइल को दिकम्पाइल करके उसकी जावा कोडिंग में फेरबदल करना पड़ता. और फिर थर्ड पार्टी टूल्स से आप ऐप तो फ्री में बना सकते हैं लेकिन वो आपको सोर्स कोड नहीं देते. ये अच्छा ख़ासा लोचा था. फिर जैसे तैसे जुगाड़ लगाके दुनिया भर के सौफ्टवेयर डाउनलोड किये. कई सारे ट्यूटोरियल्स देखे फिर प्रयोग कर-करके अंत में 30 घंटे बाद सफलता मिली और अपना लल्लू ऐप अपडेट हुआ प्ले स्टोर पर.
अब ये पूरा काम किसी प्रोफेशनल प्रोग्रामर के लिए एक घंटे का भी नहीं था जिसमें मुझे दो दिन लगे. मैं कुछ पैसे देकर किसी से ये ऐप बनवा सकता था या किसी से दो-चार बार रिक्वेस्ट करता तो शायद फ्री में भी बन जाता पर फिर सीखने का रोमांच नहीं मिलता.अब इस ऐप को लगातार अपडेट करने में और कुछ नए ऐप डेवलप करने में हो सकता है कि ठीक-ठाक ही सीख जाऊं. 🙂
raviratlami says
आपके पहले ऐप्प के लिए बधाई!
Satish says
धन्यवाद, सर.. 🙂
अनूप शुक्ल says
हमारी भी बधाई!
Satish says
शुक्रिया 🙂
DHARMENDRA CHOUDHARY says
हमारी तरफ से भी बधाई