जेएनयू चिरकुट टाइम्स ब्रेकिंग न्यूज:- आज काई और कीचड़ लगी ट्रिपल एस (स्कूल ऑफ सोशल साइंसेज) की सीढ़ी पर पैर फिसलने से एक बालिका का कपार फूट गया. वाइस चांसलर ने घटना के लिए सीढ़ी की कड़ी निंदा की है.
प्रतिक्रियाएं:-
एन एस यू आई (कौंग्रेस की स्टुडेंट्स बौडी) – शुरू से कहते थे कि एन एस यू आई को वोट दो तो राहुल भैया और प्रियंका दीदी से कह के बढ़िया टाइल्स बिछवा देंगे. लड़कियों का सिर फूटने से सोनिया चाची और प्रतिभा ताई को कितना दुःख होता है. लेकिन जेएनयू में हमें कोई वोट ही नहीं देता.
एबीवीपी (बीजेपी की स्टुडेंट्स बौडी) – बरसात में साढ़े बारह इंच हील की सैंडल और कान में इयरफोन डालके मोबाइल ताकते हुए चलेंगी तो यही होगा. बजरंग दल वाले भईया सही बोलते हैं कि देश में लड़कियों के लिए एड़ी तक का लंहगा, घुटने तक की कुर्ती और लखानी की चप्पल पहनने का क़ानून बनना चाहिए.
जीएसकैश और अन्य नारीवादी संगठन – यह जांच का विषय है कि हमेशा महिलाएं ही कैसे गिरती है और उन्हीं का कपार क्यों फूटता है. हमें पूरा विश्वास है कि इसके लिए पुरुषवादी मानसिकता और पितृसत्तात्मक समाज जिम्मेवार है. नारी तुम काली हो, दुर्गा हो. उठो, इन पुरुषों को उखाड फेंको.
आइसा, एसएफआई और कम्यूनिस्ट संगठन – इसके पीछे मनुवादियों, पूंजीवादियों और ब्राह्मणवादी जेएनयू प्रशासन का हाथ है. जिसका कपार फूटा वह लड़की आदिवासी थी. आप उन्नीस सौ सत्तासी से लेकर अब तक का रिकॉर्ड देख लें. हमेशा पिछड़ों, दलितों, आदिवासियों और माइनोरिटीज का ही सीढ़ी से फिसलकर कपार फूटता है. हमें शक है कि इसके पीछे संघी गुंडों का भी हाथ है. तभी सिंगूर लेकर नंदीग्राम और कालाहांडी से लेकर गाजा पट्टी तक मजलूम छात्रों, किसानों, मजदूरों का सीढ़ियों से गिरकर सिर फूट रहा है.
आम (चिरकुट) छात्र – केयर टेकर और सफाई वाला कहाँ है रे?? मार साला को.. और आधा घंटा हो गया एम्बुलेंस वाला नहीं आया.. आये तो उसको भी खोपचे में ले….
Shah Nawaz says
हा हा हा….. ज़बरदस्त सर जी….
Satish says
😉
anupkidak says
हम आम छात्र के ही साथ हैं! 🙂
Satish says
हम भी…
anshumala says
pahale dekhiye ki ladaki bachi ki nahi ya koi sar futa bhi hai ki nahi yaha to kai bar bina aag ke hi dhuaa dikha jata hai ha ha ha ha
Satish says
इतना देखने की फुर्सत किसको है… 😉
Archana Tiwari says
हाहहाहा एकदम मस्त है कपार फुटौवल का किस्सा